रविवार, 31 मार्च 2024

गजल

हम बनब चाहै छलौं की  कि बनि गेलौं

प्रेममे प्रियतम अहीँ  केर    सनि गेलौं

 
आश जे परिवारकेँ  आब नहि रहलै

जेब खाली देख सब हीन जनि गेलै

 

सुधि रहल नै बोझ लदने अपन हमरा

प्रेम कनिको भेटते हम तँ कनि गेलौं

          

मोनकेँ भीतर घराड़ी  बसल सदिखन

छल लिखल परदेशके  देश मनि गेलौं                  

 

नेह अप्पन आब नै नेह टा रहलै

मोनमे बसि ‘मनु’ हमर साँस गनि गेलौं

 

(बहरे कलीबमात्राक्रम - 2122-2122-1222 सभ पाँतिमे)

✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु

 

मंगलवार, 26 मार्च 2024

रुबाइ

बिनु अहाँक फगुआ कतेक बेरंग अछि 

शेष बचल अहाँक यादेटा संग अछि

एही दुनियासँ  जहन अहाँ चलि गेलौं 

बुझलौं कतेक कठिन जीवनक जंग अछि                

                  ✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’  

शुक्रवार, 8 मार्च 2024

गजल

 

सरल शुद्ध सुंदर महादेव शंकर
निरंकार शंकर महादेव शंकर


विरूपाक्ष कैलाश वासी गिरिश्वर
कपाली भयंकर महादेव शंकर


जटाजूट गंगा तिलक संग चंदा
बड़द संग अजगर महादेव शंकर


भरल भूत आँगन मरल बाघ आसन
सकल काज दुष्कर महादेव शंकर


कहींपर सजल छथि कहींपर रचल छथि
कहींपर दिगंबर महादेव शंकर


सुनाबथि कहानी सरस बनि भवानी
सहज छथि दयाकर महादेव शंकर

सभ पाँतिमे 122-122-122-122 मात्राक्रम अछि आ ई बहरे मुतकारिब मुस्समन सालिम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों