करेजमे बसा हमरो तँ कनी पिआर करु
अपन बना क हमरा प्रिय अहाँ दुलार करु
नुका क छी अहीँकेँ हम रखने हिया त’रे
करब अहाँक पूजा नै सगरो पसार करु
मनक तरंग सबटा छोरि अहीँक छी बनल
विचारु नै इना जल्दीसँ अहाँ कहार करु
सिनेह होइ की छै आबु तँ हम कहैत छी
जिवू खुशीसँ जीवन नै अकरा पहार करू
दुलार नै जतय धन केर बिना कियो करै
सिनेह ओइ ‘मनु’ दुनियासँ किना उधार करु
(मात्रा क्रम 12-12-12-221-12-12-12 सभ पाँतिमे)
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’
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