शुक्रवार, 12 मार्च 2010

गजल

प्रेम जगत के पाया छीबांकी सब किछु माया छी
किए अहां विश्वास करै छीजे छी से ई काया छी
टाका छी जं खर्च करी - तंरुकल तं प्रेतक साया छी
जीवन छी- दोसर ले जीयबजं से नहि तं छाया छी
प्रेम जगत के पाया छी बांकी सब किछु माया छी

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों