रचना कतेक टका लगतै सपना किनबाक लेल
जूटल घर सरदर अँगना किनबाक लेल
हम मुक्त छी राग-विराग प्रेम-घृणा सँ
रचना कतेक टका लगतै भावना किनबाक लेल
सत्त मानू हम काज करै छी लोकतंत्रक पद्धतिए
रचना कतेक टका लगतै पटना किनबाक लेल
पत्रकारिता गुलाम छैक टी.आर.पीक
रचना कतेक टका लगतै घटना किनबाक लेल
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सोमवार, 1 मार्च 2010
गजल
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
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