शनिवार, 20 मार्च 2010

गजल


करेजक पौती की थिक बुझलँहु हम आब
मोनक मरौसी की थिक बुझलँहु हम आब


सगर नगर भमि अएलहुँ
घरक चौकी की थिक बुझलहुँ हम आब


भेलहुँ नाङट जखन सभहँक नजरि मे
फाटल तौनी की थिक बुझलहुँ हम आब


ने ढ़ाकी उठैए ने पथिया सम्हरैए
टूटल मौनी की थिक बुझलहुँ हम आब

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों