रविवार, 16 अगस्त 2009

गजल

1
अनका रोकबाक चक्कर मे अपने रुकि गेलहुँ
अनका बझएबाक चक्कर मे अपने बझि गेलहुँ


करेजक उत्फाल इ नहि छल बुझल हमरा
अनका बसएबाक चक्कर मे अपने बसि गेलहुँ


एतेक गँहीर हेतैक खाधि-खत्ता थाह नहि छल
अनका खसएबाक चक्कर मे अपने खसि गेलहुँ


माथक भोथ मुँहक चोख सभ दिनुका छी हम
अनकर कहैत-कहैत अपने कहि गेलहुँ


मिडिआक प्रभाव एतेक विस्तार मे नहि पूछू
अनका चिन्हा अपने अनचिन्हार रहि गेलहुँ

1 टिप्पणी:

  1. Barh neek... ehina likhait rahiyau

    http://hellomithilaa.blogspot.com
    Mithilak Gap... Maithili Me

    http://mastgaane.blogspot.com
    Manpasand Gaane

    http://muskuraahat.blogspot.com
    Aapke Bheje Photo

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों