मंगलवार, 22 सितंबर 2009

गजल

गजल

आबि जाइए अहाँक सोह केखनो-केखनो
आ फेर टुटि जाइए मोह केखनो- केखनो


छी आहाँ हमरा लग से तँ देखाइते अछि
मुदा अनुभव होइए विछोह केखनो-केखनो

मनुखक करेज बनल छैक पानि सँ संदेह नहि
मुदा भए जाइत छैक लोह केखनो-केखनो

जिनगी संगीत थिक सर्वथा सत्त तँए तँ
आबै छैक आरोह-अवरोह केखनो-केखनो


मरि गेलैक सऽख-आकांक्षा पहिनेहें केकरो
तैओ जिनगी लैए टोह केखनो-केखनो

मंगलवार, 15 सितंबर 2009

गजल

गज़ल
1
जीवन मे दर्दक सनेश शेष कुशल अछि
नहि कहब विशेष शेष कुशल अछि


अन्हरा सरकार चला रहल राज-काज
छैक बौकक इ देश शेष कुशल अछि

देह बदलैए आत्मा नहि सूनि लिअ
एहने छैक सरकार भेष शेष कुशल अछि

मुक्का आ थापड़क उपयोग के करत
खाली आँखिए लाल-टरेस शेष कुशल अछि

गजल कहब एतेक असान नहि अनचिन्हार
आब चलै छी बेस शेष कुशल अछि

बुधवार, 2 सितंबर 2009

गजल


गजल

अपन आँखि मे बसा लिअ हमरा
अपन श्वास मे नुका लिअ हमरा


जतए मरितो-मरैत जीबाक आश रहए
ओहने ठाम बजा लिअ हमरा


हाथ सटेला सँ कतहुँ मोन भरतैक
अपन करेजा सँ सटा लिअ हमरा

भरि जनगी बौआइते रहलहुँ हम
कनिकबे सही संग लगा लिअ हमरा


जाइत छी मुदा जएबाक मोन नहि अछि
कोनो सप्पत सँ घुरा लिअ हमरा


तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों