गज़ल
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जीवन मे दर्दक सनेश शेष कुशल अछि
नहि कहब विशेष शेष कुशल अछि
अन्हरा सरकार चला रहल राज-काज
छैक बौकक इ देश शेष कुशल अछि
देह बदलैए आत्मा नहि सूनि लिअ
एहने छैक सरकार भेष शेष कुशल अछि
मुक्का आ थापड़क उपयोग के करत
खाली आँखिए लाल-टरेस शेष कुशल अछि
गजल कहब एतेक असान नहि अनचिन्हार
आब चलै छी बेस शेष कुशल अछि
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मंगलवार, 15 सितंबर 2009
गजल
खोजबीनक कूट-शब्द:
अनचिन्हार,
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
adbhut, maza abigel.
जवाब देंहटाएंबौक रही गेलों पढ़ी के एही ग़ज़ल के
जवाब देंहटाएंमोन हकबकाय गेल शेष कुशल अछि