कहिओ सम कहिओ विषम
कहिओ बेसी कहिओ कम्म
होइत रहलै अकाल मृत्यु
कहिओ गोली कहिओ बम
खेलाइत रहलै देह पर
कहिओ देवी कहिओ जम
निकलैत रहल दिन-प्रतिदिन
कहिओ टका कहिओ दम्म
ठकि रहल अनचिन्हार के
कहिओ अहाँ कहिओ हम
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रविवार, 17 जनवरी 2010
गजल
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अनचिन्हार,
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
नीक विषय। उत्तम प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबड्ड नीक गजल, मुदा जँ तेसर शेर मे देहक बदला मे देश आ मक्ता मे रहल के बदला मे रहलै दए देबै त बेसी नीक हेतैक।
जवाब देंहटाएंadvhut!
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