सभ के दियाबातीक शुभकामना
गुंगुआइत बसात चुप्प रहू
पदुराइत बसात चुप्प रहू
चारु दिस पसरि गेल धूआँ
पझाइत बसात चुप्प रहू
अहाँक कुठां जड़ि जमेने अछि
किकिआइत बसात चुप्प रहू
अहूँ पर हँसत केओ एक दिन
ठिठिआइत बसात चुप्प रहू
जे भेटत अनचिन्हारे भेटत
चिचिआइत बसात चुप्प रहू
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें