बाट अन्हार मे डूबल केकरा बजाउ
जगैत लोक सूतल केकरा बजाउ
चललहुँ लए सप्पत रहब एक संग
बहुतों मोड़ पर छूटल केकरा बजाउ
दुनियाँ इ घालमेलक इ दुनियाँ भ्रमजाल
दुनियाँ स्वर्ण-सुन्नरि-बोतल केकरा बजाउ
राम छथि ठगाएल अल्ला छथि बौआएल
मंदिर-मस्जिद टूटल केकरा बजाउ
लिखबाक लेल व्यग्र अनचिन्हार शेर
अछि अपूर्ण गजल केकरा बजाउ
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