गजल – दू
गाम छोड़ति हम कैन गेलउ
बाम भेलइ दिन जैन गेलउ
नेह टूटल सब बन्धु छूटल
भाग भूटल हम मैन गेलउ
माटि पावन हम छोड़ि आयल
प्रीति
माहुर हम सैन गेलउ
साग बारिक फल फूल बारिक
फेर पायब हम ठैन गेलउ
‘राम’ गामक रस छोड़ि आयल
फेर आयब हम ठैन गेलउ
सभ पैत में आखर - १२ आ मात्रा - १६
तिथि: १३/०९/२०१३
© राम कुमार मिश्र
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