गजल
सोहाग आ भाग सन
हम गीत तों राग सन
लटपट रहब बस कनी
हम भात तों साग सन
कनियें बुनाइत रहब
हम सूत तों ताग सन
सदिखन रहब संगमे
हम चैत तों फाग सन
दुनियाँमे बड़ झगड़ा छै
हम तों तँ उपराग सन
सभ पाँतिमे 2212+ 212 मात्राक्रम अछि
अंतिम शेरक पहिल पाँतिमे शब्दक अंतिम दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
सोहाग आ भाग सन
हम गीत तों राग सन
लटपट रहब बस कनी
हम भात तों साग सन
कनियें बुनाइत रहब
हम सूत तों ताग सन
सदिखन रहब संगमे
हम चैत तों फाग सन
दुनियाँमे बड़ झगड़ा छै
हम तों तँ उपराग सन
सभ पाँतिमे 2212+ 212 मात्राक्रम अछि
अंतिम शेरक पहिल पाँतिमे शब्दक अंतिम दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।
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