शुक्रवार, 26 जून 2015

गजल

खाली फूसिक व्यापार हम देखलहुँ संसारमे
हाल सत्यक लचार हम देखलहुँ संसारमे


की टी.वी. ,की अखबार ,सभमे एतबे समाचार
चोरि ,हत्या ,बलात्कार ,हम देखलहुँ संसारमे

जखनेसँ दंगा भेल ,जाति-पाति केर नाम पर
चमकैत तलवार ,हम देखलहुँ संसारमे

की हाट ,की बजार , छै सभ पर महगी सवार
भूखे जिनगी पहाड़ ,हम देखलहुँ संसारमे

मोन पड़ै घर-द्वार ,गामक पोखरिक मोहार
आ ओ पावनि-तिहार ,हम देखलहुँ संसारमे

सगरो व्याप्त अत्याचार ,छै अनठेने सरकार
सूतल हवलदार , हम देखलहुँ संसारमे

वर्ण-18
  © बाल मुकुन्द पाठक

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों