शनिवार, 27 फ़रवरी 2016

गजल


देह जरि गेलै करेज मरि गेलै
आब ऐ दुनियाँसँ मोन भरि गेलै

जे चढ़ल छल आँखिमे हमर सेहो
ठीक एकै बेरमे उतरि गेलै

छोड़ि देलक बीच बाट जे हमरा
आइ अनचिन्हार से अभरि गेलै

आँखि चुप रहलै मुदा कनी कम्मे
नोर छाती फाड़ि बड़ टघरि गेलै

सभ पाँतिमे 2122+212+1222 मात्राक्रम अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों