रे हिया हमरा एतेक मजबूर नै कर
चाहमे ककरो हमरेसँ तूँ दूर नै कर
एकटा कित्ता अछि मोन सौँसे हमर ई
बाँटि टुकड़ी-टुकड़ीमे अलग धूर नै कर
काँच कोमल आ नवका जुआनी चढल छै
आगि यादक यौवनमे लगा घूर नै कर
एक त प्रेमक खातिर पिआसल रहै छी
एकटा कित्ता अछि मोन सौँसे हमर ई
बाँटि टुकड़ी-टुकड़ीमे अलग धूर नै कर
काँच कोमल आ नवका जुआनी चढल छै
आगि यादक यौवनमे लगा घूर नै कर
एक त प्रेमक खातिर पिआसल रहै छी
ताहि पर आरो उकसाक आतूर नै कर
भागमे ककरा कुन्दन लिखल सब रहै छै
कल्पनामे डुबि एना मोनके झूर नै कर
212-2222-122-122
© कुन्दन कुमार कर्ण
भागमे ककरा कुन्दन लिखल सब रहै छै
कल्पनामे डुबि एना मोनके झूर नै कर
212-2222-122-122
© कुन्दन कुमार कर्ण
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