शनिवार, 13 अगस्त 2016

गजल

मोनक गाछी मजरल किछु
धीरे धीरे गमकल किछु

खुल्लम खुल्ला जीवनमे
परदा पाछू खनकल किछु

हमहूँ छी बुधिमान बहुत
हमरो लग तँइ अभरल किछु

बड़ देलहुँ धेआन मुदा
देहक एना चनकल किछु

भेलै मेघक बँटवारा 
इम्हर उम्हर बरसल किछु

सभ पाँतिमे 222-222-2 मात्राक्रम अछि
दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि

सुझाव सादर आमंत्रित अछि

2 टिप्‍पणियां:

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों