शुक्रवार, 2 सितंबर 2016

गजल

बात जे कहल गेलै अनचोक्के
हाथ सभ जुटल गेलै अनचोक्के

केखनो करा दैए दुर्घटना
बात जे बुझल गेलै अनचोक्के

मोन पड़ि रहल सभ धीरे धीरे
संग जे छुटल गेलै अनचोक्के

बाजि नै सकल किछु रहलै चुप्पे
प्रश्न से पुछल गेलै अनचोक्के

धार बूझि रहलै सभ किरदानी
पानि जे सुखल गेलै अनचोक्के


सभ पाँतिमे 212-1222-222  मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों