रविवार, 25 सितंबर 2016

गजल

किश्तेमे हँसबै किश्तेमे कनबै हम
किश्तेमे जीबै किश्तेमे मरबै हम

भोरसँ साँझसँ रातिसँ आइसँ की काल्हिसँ
जहिया मगँबै खाली तोरे मँगबै हम

अपने जौड़सँ बान्हल छानल रहलहुँ तँइ
किछु जे कहबै तँ कहू किनका कहबै हम

शब्द अहाँ बूझू की वाक्य अहाँ बूझू
जीवन भरि खाली अपनाकेँ रचबै हम

जइ दिन कहतै अनचिन्हार कियो हमरा
ओही दिनकेँ थैहर थैहर बुझबै हम

सभ पाँतिमे 222 + 222 + 222 + 22 मात्राक्रम अछि
दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि 

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों