गामक बूढ हमर नानी
छै ममतासँ भरल खानी
पूजा पाठ करै नित दिन
दुखिया लेल महादानी
खिस्सा खूब सुनाबै ओ
राजा कोन रहै रानी
भोरे भोर उठा दै छै
सुधरै जैसँ हमर बानी
नम्हर छोट सभक आगू
कहलक बनि क' रहू ज्ञानी
2221-1222
© कुन्दन कुमार कर्ण
www.kundanghazal.com
छै ममतासँ भरल खानी
पूजा पाठ करै नित दिन
दुखिया लेल महादानी
खिस्सा खूब सुनाबै ओ
राजा कोन रहै रानी
भोरे भोर उठा दै छै
सुधरै जैसँ हमर बानी
नम्हर छोट सभक आगू
कहलक बनि क' रहू ज्ञानी
2221-1222
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