बुधवार, 10 मई 2017

बाल गजल

गामक बूढ हमर नानी
छै ममतासँ भरल खानी

पूजा पाठ करै नित दिन
दुखिया लेल महादानी

खिस्सा खूब सुनाबै ओ
राजा कोन रहै रानी

भोरे भोर उठा दै छै
सुधरै जैसँ हमर बानी

नम्हर छोट सभक आगू
कहलक बनि क' रहू ज्ञानी

2221-1222

© कुन्दन कुमार कर्ण

www.kundanghazal.com

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों