मंगलवार, 5 दिसंबर 2017

गजल

हम सुंदर कहबौ तों कचनार बुझि लिहें
सुंदरतम कहने सिंगरहार बुझि लिहें

परदा रहबे करतै संसारक कारण
सैंतल कहने तों बेसम्हार बुझि लिहें

शब्दसँ पता चलि जाइ छै के कहने अछि
हम विकास कहबौ तों सरकार बुझि लिहें

मतलब अपन अराध्यसँ छै चाहे जे हो
हम करेज कहबौ तों दरबार बुझि लिहें

भोरका लाली बनि हाथ छूतौ तोरा
हम कोंढ़ी बुझबौ तों भकरार बुझि लिहें

संन्यास केर मतलब चरम आसक्ति छै
हम समाधि कहबौ तों संसार बुझि लिहें

आब जरूरी नै छै संबंध निमाहब
अपना सन लगितो अनचिन्हार बुझि लिहें

सभ पाँतिमे  222-222-222-22 मात्राक्रम अछि
दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि


सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों