केओ सम्मानक भूखल
केओ पकवानक भूखल
अपने आकांक्षा खातिर
पण्डा भगवानक भूखल
करनी धरनी छाउर सन
नेता गुनगानक भूखल
धरतीपर चल' नै जानै
कवि छथि से चानक भूखल
अपना चाहे जे किछु हो
अनकर नुकसानक भूखल
संतुष्टी सपना लोकक
सब अनठेकानक भूखल
22-222-22
© कुन्दन कुमार कर्ण
www.kundanghazal.com
केओ पकवानक भूखल
अपने आकांक्षा खातिर
पण्डा भगवानक भूखल
करनी धरनी छाउर सन
नेता गुनगानक भूखल
धरतीपर चल' नै जानै
कवि छथि से चानक भूखल
अपना चाहे जे किछु हो
अनकर नुकसानक भूखल
संतुष्टी सपना लोकक
सब अनठेकानक भूखल
22-222-22
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