मंगलवार, 24 अप्रैल 2018

गजल

एहनो डोर निकलैए
छोरपर छोर निकलैए

बेरपर मोन पड़िते  छै
एखनो नोर निकलैए

पहिने प्रेम रहै मजगूत
आब कमजोर निकलैए

देहपर देह रूकल छै
ठोरपर ठोर निकलैए

बात हुनकर जखन भेलै
साँझमे भोर निकलैए

सभ पाँतिमे 2122-1222 मात्राक्रम अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूट लेल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों