सोमवार, 6 अगस्त 2018

गजल

कट्ठा बिग्घा धूरे धूर
सौंसे देखल भूरे भूर

अप्पन अप्पन मतलब लेल
दुनियाँ भेलै चूरम चूर

नेहक लागल बड़का रेस
हमहूँ दौड़ल पूरे पूर

चंदा तारा हुनके आगु
हमरा लागै दूरे दूर

रहलै आँगन कनियें देर
बाँकी केलक टूरे टूर

सभ पाँतिमे 22 22 22 21 मात्राक्रम अछि।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों