सोमवार, 27 अगस्त 2018

गजल

फूलक बनलै सहचर डारि
जतरा रहलै मजगर डारि

सुखिते मातर पहिलुक गाछ
झटपट ताकै हरियर डारि

किनको हिस्सा हल्लुक छैक
किनको हिस्सा भरिगर डारि

जे सभ धरतै जत्ते माटि
तत्ते ओक्कर नमहर डारि

इच्छा भीतर इच्छा बास
सभहँक जीवन रसगर डारि

पहिने धामन तकरा बाद
भेलै गहुमन अजगर डारि

सभ पाँतिमे 222-222-21 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों