हुनकर आँखिक अतबे सपना
हिंदू मुस्लिम चमरा बभना
साहित्य आ कि राजनीतिमे
अबिते रहलै अदना पदना
अधरतियामे हमहूँ देखल
एकै भेलै अरघा बदना
नोर नोर नोर नोरे नोर
अतबे लिखने रहथिन विधना
दुख भेटल रहै मुँहदेखाइ
दुक्खे रहै हमर मुँहबजना
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि
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