शनिवार, 22 अगस्त 2020

गजल

हुनकर आँखिक अतबे सपना

हिंदू मुस्लिम चमरा बभना


साहित्य आ कि राजनीतिमे

अबिते रहलै अदना पदना


अधरतियामे हमहूँ देखल

एकै भेलै अरघा बदना


नोर नोर नोर नोरे नोर

अतबे लिखने रहथिन विधना


दुख भेटल रहै मुँहदेखाइ

दुक्खे रहै हमर मुँहबजना


सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों