सोमवार, 3 जनवरी 2022

गजल

सत्ता सुखक अभ्यासमे हथियार छै टूटल जकाँ
थकुचल गदा पिचकल धनुष तलवार छै मुरछल जकाँ

दुख होइ छै स्त्रीकेँ मुदा स्वीकार छै परिवार लेल
बाली जकाँ चूड़ी जकाँ डरकस जकाँ पायल जकाँ

जइ नग्रमे जइ गाममे दर्दक असरि बेसी रहत
तइ नग्रमे तइ गाममे सदिखन रहब पागल जकाँ

ओ ढोंग के अइ दोगमे बड़ नीक बनि गेलै मुदा
किछु काल धरि किछु साल धरि तइ बाद छै थाकल जकाँ

अंतर बहुत अर्थो बहुत छै बात बातक बातमे
ई मोन छै भरछल जकाँ ओ जीह छै दागल जकाँ

सभ पाँतिमे 2212-2212-2212-2212 मात्राक्रम अछि। ई बहरे रजज मुसम्मन सालिम अछि। दोसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघुक छूट लेल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों