ओ जहिया भेलै बटुआधारी
ओ तहिये बनलै इच्छाधारी
हमर सर्वनाम बनि अबैत रहल
हलंत सन के किछु संज्ञाधारी
ई सभ अदौसँ होइत एलैए
पनीरक जाँघ तर सतुआधारी
जे उपरा उपरी निष्ठा मानै
से भितरे भीतर तृष्णाधारी
काजुल लोकक लाशपर रहै छै
गिद्ध बनि कऽ सदिखन तगमाधारी
सभ पाँतिमे 22-22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
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