पीसब भाँग नित्य आबि क' जे जे कहबै प्रभू हम कहल करब
डरबै भूत नै पिसाच सँ कहियो सेवा सदति होइते रहत
रहबै घर त' घर म' सदिखन आ बाहरमे मशानो रहल करब
नंदी केर ध्यान हम रखबै भगतै दौड़िकेँ जा क' रोमबै
दोसर ठाम नै कतौ हम जेबै भरि जीवने हम बहल करब
पूजा केर ओरियान क' नित्तहुँ देखब तखन और काज हम
नव नव फूल ताकि हेरि क' छोड़ब नै हम चरणमे गहल करब
मालिक एतबी दया करियौ ने हे नोकरी पर म' राखि लिअ
कतबो काज माँथ पर रहतै नामे जापि सभ दुख सहल करब
मात्राक्रम अछि २२२१-२१२१-१२२२-२१२२-१२१२
अभिलाष ठाकुर
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