मंगलवार, 30 जनवरी 2024

गजल

किछु नै कहलक ओ कहियो कऽ
हमहूँ नै बुझलहुँ बुझियो कऽ

दुश्मन यदि हो अपने लोक
रहि सकबै कोना हटियो कऽ

जे जे रहलै हुनका संग
ओकर गिनती नै रहियो कऽ

लिखलहुँ हम जेहन जे पाँति
अपनो नै बुझलहुँ लिखियो कऽ

सारापर करतै जयकार
लेखककेँ नै सुख मरियो कऽ

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि। ई बहरे विदेह अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों