कुन्दन कुमार कर्ण:
जहाँ धरि हमर जानकारी अछि कुंदन कुमार कर्ण नेपालक पहिल शाइर छथि जे की अरबी बहरमे गजल कहि रहल छथि। ( संपादक -अनचिन्हार आखर )
नाम : कुन्दन कुमार कर्ण
पिता : श्री शुशिल लाल कर्ण
माता : भारती कर्ण
जन्मतिथि : 23 Dec, 1988
जन्मस्थान : गा.वि.स. जमुनीमधेपुरा, वार्ड नं.-8, पोस्ट : राजविराज, जिला- सप्तरी, नेपाल
मूल वृति : नेपाल सरकारक नोकरीहारा (गृह-मन्त्रालय अन्तर्गत)
शिक्षा :
स्नातक (ब्यवस्थापन) : त्रिभुवन विश्वविद्यालय, श्री महेन्द्र बिन्देश्वरी बहुमुखी क्याम्पस, राजविराज
स्नातकोत्तर (ब्यवस्थापन) : र्इन्दिरा गान्धी खुला विश्वविद्यालय, नव दिल्ली (अध्ययनरत)
रूचिकs क्षेत्र : साहित्य, गीत, संगीत, अध्ययन, उदघोषण
हिनक किछु शब्दह हिनकहि शब्दमे---
हम एकटा सामान्य मध्यम वर्ग परिवारसँ छी । परिवारमें बाबू जी आ माय सहित हमरासँ छोट दू भाइ छैक । कनियेटासँ साहित्य, गीत, संगीतमें हमर रूचि रहि आएल छैक । हमर पहिल मैथिली कविता 'अभिनव' नामक मैथिली साहित्यिक द्वैमासिक पत्रिकामें अक्टुबर, 2003 में प्रकाशित भेलए । हम मैथिली गजल 2005 सँ लिखकें प्रारम्भ केलौं मुदा आधिकारिक रूपसँ पहिलबेर नेपालक पहिल पत्रिका(सरकारी पत्रिका) 'गोरखापत्र'में 18 सितम्बर, 2012 में प्रकाशित भेलए । अभिनयकें क्रममें मैथिली कवि परिषद, राजविराजद्वारा सञ्चालित एकटा कार्यक्रम अन्तर्गत नेपालक सात जिला : मोरंग, सुनसरी, सप्तरी, सिराहा, धनुषा, महोत्तरी आ सर्लाहीकs विभिन्न ठाममें सडक नाटकमें सहभागी भs अभिनय केलौं । वर्तमान समयमें कार्यव्यस्तता रहितौ समय निकालिकs गजल रचना करैत छी । मैथिली गजलकें लोप्रियताके लेल गजलप्रित पूर्ण रूपेन समर्पित फेसबुकपर मैथिली गजल एवं शेर-ओ-शायरी सम्बन्धि 'मैथिली गजल भंडार' नामक एकटा समूह आ ओहि नामसँ एकटा पेज संचालनकs मैथिली गजलसँ सम्बन्धित विभिन्न काममें लागल रहैत छी । एहि क्रममें फेसबुकपर आशिष अनचिन्हार जीसँ भेट भेलए । ओ हमरा अनचिन्हार आखरसँ जोडलखिन जाहिसँ हमरा गजल रचना सम्बन्धी आर ज्ञान भेटलए तेँ हम हुनक आभारी छी । संगे आशिष जीसँ जानकारी भेटल जे अरबी बहरमें गजल रचना कयनिहार हम नेपाल पहिल मैथिल गजलकार छी । र्इ सुनिकs हम बहुत खुशी भेलौं आ गजल रचना करs लेल हमरा एकटा नव उमंग आ उत्प्रेरणाके प्राप्ति भेलए ।
बहुत बहुत धन्यबाद जे कुन्दन जि के अा बहुत बहुत प्रगति के कामना छथि ।।।।।।।।। हम नागेन्द्र के तर्फ से जनकपुर १४ मुजेलिया हाल साउदि अरेबिया
जवाब देंहटाएंbadhai ai6 kundan bhai, pragati k lel kamana karai 6i ma chhinnamasta sa
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद श्याम जी ।
जवाब देंहटाएंअही छि साथी । अही छि तारा ।
जवाब देंहटाएंअही छि भावुक ।अही छि शहारा ।
जनकपुर के ऐछ . अजवे नजारा ।
मैइरयोके मिथलामे .जन्मलेव दुवारा ।
तुलसी कुमार
hardik shubhkamna kundan jee
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