सोमवार, 29 जुलाई 2013

गजल



ओकर हाथसँ छूल अछि देह
सदिखन गम गम फूल अछि देह

प्रेमक उच्चासन मिलन छैक
दू टा घाटक पूल अछि देह

कोना चलि सकतै गुजर आब
देहक तँ प्रतिकूल अछि देह

गेन्दा सिंगरहार छै मोन
चम्पा ओ अड़हूल अछि देह

ऐठाँ अनचिन्हार चिन्हार
सभ देहक समतूल अछि देह



मात्रा क्रम-222-2212-21 हरेक पाँतिमे

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों