सोमवार, 9 नवंबर 2015

गजल

बाल गजल

खच्चर मच्छर आबै छै
खाली हमरे काटै छै

गन गन घन घन सौंसे जे
बड़ सुंदर धुन गाबै छै

की करतै मच्छरदानी
खूनक दाने माँगै छै

कछुआ मोर्टिन सभ बेकार
डेंगू हमरो लागै छै

मच्छर लग ई बच्चा की
बुढ़बो थर थर काँपै छै

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम छै
चारिम शेरक पहिल पाँतिल अंतिम लघु छूटक तौरपर अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों