गुरुवार, 12 नवंबर 2015

गजल

ओकर रूप बहुत दूर लऽ जेतै हमरा
रंग अनूप बहुत दूर लऽ जेतै हमरा

पथिया डाला मौनी सुप्ती कनसुप्ती
छिट्टा सूप बहुत दूर लऽ जेतै हमरा

ऐ पूजा पाठक बदला जिनगी मंत्रक
जापे जूप बहुत दूर लऽ जेतै हमरा

ओ भेटै की नै भेटै तैयो ओकर
छापे छूप बहुत दूर लऽ जेतै हमरा

कहियो एतै अनचिन्हार हमर आँगन
चुप्पे चूप बहुत दूर लऽ जेतै हमरा

सभ पाँतिमे 222+222+222+22 मात्राक्रम अछि
दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों