बुधवार, 25 नवंबर 2015

गजल

एगो दुल्हिनियाँ देखू ने
सुंदर बढ़ियाँ देखू ने

सब किछ बिसरब हुनके खातिर
एहन कनियाँ देखू ने

हमहूँ रहबै डूबल हरदम
चकमक दुनियाँ देखू ने

राजो रहने हुनके खटबै
मीता रनियाँ देखू ने

की पैसा की सोना चानी
धन लछमिनियाँ देखू ने

हरदी तेल-मसल्ला सबके
हम्मर धनियाँ देखू ने 


                    -नीरज कर्ण
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पहिल पंक्ति में मात्राक्रम
22-22-22-22
दोसर पंक्ति में मात्राक्रम
22-22-22-2

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों