मंगलवार, 10 मई 2016

गजल

जनतन्त्रमे जन राज्यसँ डेरा रहल छै
अपने चुनल सरकारसँ पेरा रहल छै

कानूनमे अधिकार मुदा काजमे नै
स्वतन्त्रता अभ्याससँ हेरा रहल छै

ठेकान नै कुर्सीक कखन के लऽ जेतै
सत्ताक भागी जल्दिसँ फेरा रहल छै

अन्याय अत्याचारसँ पीडित गरीबे
नेताक चक्रव्यूहसँ घेरा रहल छै

ककरासँ जनता आब करत कोन उल्हन
रक्षक सभक बन्दूकसँ रेरा रहल छै

सेनूर मेटा गेल कतेकोक कुन्दन
सरकार नै लोकसँ टेरा रहल छै

2212-221-122-122

© कुन्दन कुमार कर्ण

www.kundanghazal.com

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों