बुधवार, 22 जून 2016

गजल

एक ठोप नोर
साँझ राति भोर

टूटि गेल आस
की लगाउ जोर

प्राण देह मोन
माछ पानि बोर

देश धर्म चास
बीत बीत चोर

चाहि रहलै खाली
सिक्स सिक्स फोर

सभ पाँतिमे 21-21-21 मात्राक्रम अछि
अंतिम शेरक पहिल पाँतिमे दूटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों