रविवार, 13 नवंबर 2016

गजल

आँखिमे बहार छै
हाथमे उधार छै

भिन्न भिन्न गाँहके
एकटा बजार छै

बेरपर अलग अलग
ओहने भजार छै

एकबाल केहनो
जल्दिये उतार छै

डोल केर दोस्त ओ
तेहने इनार छै

सभ पाँतिमे 212+12+12 मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों