गुरुवार, 24 नवंबर 2016

गजल

आहि उठबे करतै इयाद एलापर
नोर खसबे करतै इयाद एलापर

पानि खाली देहक मिझा सकैए बस
मोन जरबे करतै इयाद एलापर

हाल केहन से अनुभवेसँ बुझि सकबै
फूल झड़बे करतै इयाद एलापर

मलहमो बेकारे बुझाइए हमरा
घाव रहबे करतै इयाद एलापर

पड़ि रहब ओछाएनपर नै छै सूतब
आँखि जगबे करतै इयाद एलापर


सभ पाँतिमे 2122+2212+1222 मात्राक्रक अछि
अंतिम शेरक पहिल पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों