रविवार, 6 नवंबर 2016

गजल

छठिक शुभकामना सहित ई भक्ति गजल


नहुँए नहुँ आबथि पबनैतिन
सुरजे सन लागथि पबनैतिन

आस्ते आस्ते जोरे जोरसँ
गीत मधुर गाबथि पबनैतिन

कोशी हाथी छिट्टा पथिया
सभहँक रस जानथि पबनैतिन

पुरबा बहने काँपथि तैयो
पाबनि ई ठानथि पबनैतिन

खरना चाहथि दीनो गानथि
परना नै चाहथि पबनैतिन

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों