सोमवार, 2 जनवरी 2017

गजल

देशमे उत्फाल नवका
दर्द पुरने हाल नवका

धार जानै नेत सभहँक
माछ पुरने जाल नवका

किछु चुनौती फेर एलै
लोक ठोकै ताल नवका

छै जरूरे खाद फेंटल
खेत पुरने टाल नवका

दाग लगने इज्जते छै
देह चाहै थाल नवका

सभ पाँतिमे 2122+2122 मात्राक्रम अछि (बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी)
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों