गुरुवार, 19 जनवरी 2017

गजल

कियो चूसि गेलै बहुत
कियो हूसि गेलै बहुत

कनी बातपर जानि कऽ
कियो रूसि गेलै बहुत

छलै मूँह बड़ सान के
कियो दूसि गेलै बहुत

रहै भूर कनियें मुदा
कियो घूसि गेलै बहुत

अहाँ सन कि हमरे सनक
से महसूसि गेलै बहुत


सभ पाँतिमे 122-122-12 मात्राक्रम अछि
दोसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु संस्कृतानुसार दीर्घ मानल गेल अछि
अंतिम शेरक दोसर पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों