रविवार, 30 जुलाई 2017

गजल

भरल बरिसातमे नै सताउ सजनी
किए छी दूर लग आबि जाउ सजनी

मिलनके आशमे अंग-अंग तरसै
बदन पर वुँद नेहक गिराउ सजनी

पिआसल मोन मधुमासमे उचित नै
जुआनी ओहिना नै गमाउ सजनी

जियब जा धरि करब नेह हम अहीँके
हियामे रूप हमरे सजाउ सजनी

खुशीमे आइ कुन्दन गजल सुनाबै
मजा एहन समयके उठाउ सजनी

122-212-212-122

© कुन्दन कुमार कर्ण

www.kundanghazal.com

मंगलवार, 25 जुलाई 2017

गजल

मोन सभहँक अचंभित छलै
चोर ऐठाम मंडित छलै

काज हुनकर बिलंबित मुदा
साज तँ द्रुतबिलंबित छलै

हाथ जोड़ल बहुत भेटि गेल
मोन सभहँक विखंडित छलै

ठोर केनाहुतो चुप रहल
तथ्य रखबासँ वंचित छलै

दुख बला पाँतिमे देखि लिअ
सुख बहुत रास टंकित छलै

दर्द बाँटब सहज नै बंधु
दर्द मोनक अखंडित छलै

सभ पाँतिमे 2122-122-12 मात्राक्रम अछि
तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

सोमवार, 24 जुलाई 2017

गजल

तीने वर्णक बनल मिठाइ
तीने वर्णक बनल मलाइ

तीने वर्णक बनल किताब
तीने वर्णक बनल पढ़ाइ

तीने वर्णक बनल सलाह
तीने वर्णक बनल लड़ाइ

तीने वर्णक बनल फचाँड़ि
तीने वर्णक बनल पिटाइ

तीने वर्णक बनल अकास
तीने वर्णक बनल लटाइ

तीने वर्णक बनल इजोत
तीने वर्णक बनल सलाइ

सभ पाँतिमे 22-2212-121 मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

सोमवार, 17 जुलाई 2017

गजल

अपनके अपना हिसाबे बुझू
रचलके रचना हिसाबे बुझू

असलमे सब किछु रहै छै कहूँ
सृजनके सृजना हिसाबे बुझू

हिया पर शब्दक असर जे पड़ै
गजलके गहना हिसाबे बुझू

कहाँ भेटत सोच उठले सभक
धसलके धसना हिसाबे बुझू

जरनिहारोके कतहुँ नै कमी
जरलके जरना हिसाबे बुझू

अतीतक नै याद कुन्दन करू
घटलके घटना हिसाबे बुझू

122-221-2212

© कुन्दन कुमार कर्ण

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शुक्रवार, 7 जुलाई 2017

भक्ति गजलक परिकल्पना

मैथिलीमे भक्ति गजल नामक परिभाषिक शब्दावली अमित मिश्रजी द्वारा 7 अगस्त 2012केँ “विदेहक फेसबुक “केर पटलपर प्रस्तुत कएल गेल। ओना ओहिसँ बहुत पहिनेहें 16/1/2012केँ जगदानंद झा मनु जी बिना कोनो घोषणाकेँ अनचिन्हार आखरपर भक्ति गजल प्रस्तुत केला। एक बेर फेर मैथिलीक आदिक भक्ति गजलकार कविवर सीताराम झा चिन्हित होइ छथि। विदेहक 15 मार्च 2013 बला 126म अंक भक्ति गजल विशेषांक अछि। भक्ति गजलक संबंधमे फेसबुकपर भेल बहस राखि रहल छी--

            Amit Mishra
एकटा प्रश्न बड दिन सँ मोन मे अछि आइ अहाँ सबहक समक्ष राखि रहल छी ।
जखन गजल समाजक सब क्षेत्र के अपना मे पहिने सँ समेटने छल आ आब ते बाल क्षेत्र के सेहो अपना लेलक त की गजलक माध्यम सँ भक्ति कएल जा सकै यै अर्थात की भक्ति रूप मे गजल लिखल जा सकै यै?
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Comments
पंकज चौधरी hamra hisaabe ta likhal jaa sakaichh..
Amit Mishra एखन धरि हमरा नजरि मे एहन रचना नै आएल तेँए इ बात मोन मे बेर बेर उठैत छल ।
Om Prakash Jha Kiya ne likhal jaa sakai ye.
Amit Mishra जन्माष्टमी पर एकटा एहने रचना बाल गजलक रूप मे आनि रहल छी ।
भक्ति मे लिखल जा सकैछ की नै . इ जानकारी नै छल तेँए ओकरा बाल गजलक रूप मे लिखलौँ मुदा अछि भक्तिए ।
Om Prakash Jha Abass likhu.
Amit Mishra नैन खोलिकऽ कने देखू ने भवानी

2122-1222-2122
Gunjan Shree बिलकुल
Ravi Shankar ek naya suruat hait... best of luck

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Jagdanand Jha उपरोक्त दिनु लिंक भक्तिक गजलक अछि
Amit Mishra मनु जी अपनेक लिँक सँ मोन परक बोझ हल्लुक भऽ गेल ।
बहुत बहुत धन्यवाद
https://www.facebook.com/groups/videha/permalink/353227171422084/

बुधवार, 5 जुलाई 2017

गजल

जे कल्पनामे डुबा दै ओ छथि कवि
जे भावनामे बहा दै ओ छथि कवि

शब्दक मधुरतासँ करि मति परिवर्तन
जे दू हियाके मिला दै ओ छथि कवि

साहित्य मानल समाजक अयना छै
जे सोचके नव दिशा दै ओ छथि कवि

खतरा प्रजातन्त्र पर जौँ-जौँ आबै
जे देश जनता जगा दै ओ छथि कवि

संसार भरि होइ छै झूठक खेती
जे लोकके सत बता दै ओ छथि कवि

रचनासँ कुन्दन करै जादू एहन
जे चान दिनमे उगा दै ओ छथि कवि

2212-2122-222

© कुन्दन कुमार कर्ण

http://www.kundanghazal.com

रविवार, 2 जुलाई 2017

अपने एना अपने मूँह-38

मास मइ 2017 मे कुल कुल 9टा पोस्ट भेल जकर विवरण एना अछि--
कुंदन कुमार कर्णजीक 3 टा पोस्टमे 2टा गजल, 1टा बाल गजल अछि।
आशीष अनचिन्हारक 6 टा पोस्टमे 4 टा गजल, 1 टा रुबाइ आ 1 टा विश्व गजलकार परिचय शृंखला अछि।



मास जून 2017 मे कुल कुल 8टा पोस्ट भेल जकर विवरण एना अछि--
कुंदन कुमार कर्णजीक 3 टा पोस्टमे 1 टा गजल, 1टा भक्ति गजल आ 1 टा आलोचना अछि।
आशीष अनचिन्हारक 5 टा पोस्टमे 3 टा गजल, 1 टा पोस्टमे मिथिला दर्शन पत्रिकाक कटिंग आ 1 टा विश्व गजलकार परिचय शृंखला अछि।
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों