बुधवार, 2 मई 2018

गजल

दुइए दिनक मनमानी रे भाइ
जल्दिये जेतौ सुलतानी रे भाइ

दुख कि दर्दक रंग धरती सन के
नोरक रंग असमानी रे भाइ

बिला गेल सुख चैन भूख पियास
बड़ लेलही कुर्बानी रे भाइ

संबंधक बदला अतबे भेटल
सोना रे भाइ चानी रे भाइ

पुजा लेलही जकरा तों झटपट
हमरे रहै जजमानी रे भाइ

सभ पाँतिमे 222-222-222 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबा छूट लेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों