अपना सन नै लागल अनचिन्हार
अनका लग ई बाजल अनचिन्हार
रचनामे कनियों नै रहलै धाह
सुविधा रसमे डूबल अनचिन्हार
बहुते बाजल लेकिन काजक बेर
नाँगरि सुटका भागल अनचिन्हार
बदलत सभ कहियो बाजल ई बात
अलमीरामे राखल अनचिन्हार
पक्का हेतै ई चिन्हारक काज
सोझा सोझी बाजल अनचिन्हार
सभ पाँतिमे 222-222-222-1 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।