शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

गजल

भुखिया दुखिया भूखे मरतै  सैह कहू ने
कोठीक  धान धयले रहतै  सैह कहू ने

एना मे गरीब गुरबा सब  मारल जेतै
हाकिम सब अप्पन घर भरतै सैह कहू ने

एकटा कोरोना सँ जिनगी  तबाह  भेलै
दोसर धरतै तब की हेतै सैह कहू ने

नानी धन बइमानी धन की रहलै ककरो
कफन छोड़ि किछुओ नहि जड़तै  सैह कहू ने

ढउआ तँ उड़िया रहल छै हावामे 'लाला'
जे छै थितगर वैह पकड़तै सैह कहू ने

2222-2222-2222 मात्रा क्रम बहरे मीर पर आधारित सुझाव सादर आमंत्रित

अरुण लाल दास
01 जून ,2020

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों