गजलक मतलामे जे रदीफ-काफिया-बहर लेल गेल छै तकर पालन पूरा गजलमे हेबाक चाही मुदा नज्ममे ई कोनो जरूरी नै छै। एकै नज्ममे अनेको काफिया लेल जा सकैए। अलग-अलग बंद वा अंतराक बहर सेहो अलग भ' सकैए संगे-संग नज्मक शेरमे बिनु काफियाक रदीफ सेहो भेटत। मुदा बहुत नज्ममे गजले जकाँ एकै बहरक निर्वाह कएल गेल अछि। मैथिलीमे बहुत लोक गजलक नियम तँ नहिए जानै छथि आ ताहिपरसँ कुतर्क करै छथि जे फिल्मी गीत बिना कोनो नियमक सुनबामे सुंदर लगैत छै। मुदा पहिल जे नज्म लेल बहर अनिवार्य नै छै आ जाहिमे छै तकर विवरण हम एहि ठाम द' रहल छी। एक बेर फेर बहरक कमाल देखू फिल्मी गीतमे देखू। अजुका गीत अछि 'खिलौना, जानकर तुम तो, मेरा दिल तोड़ जाते हो"। एहि गीतक हरेक पाँतिमे 1222-1222-1222-1222 मात्राक्रम अछि। ई फिल्म "खिलौना" केर गीत अछि। गीतकार छथि आनंद बक्षी। संगीतकार छथि लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल। गायक मो.रफी। ई फिल्म 1970मे आएल रहै जाहिमे संजीव कुमार, मुमताज, शत्रुघ्न सिन्हा आदि कलाकार छलथि।
खिलौना, जानकर तुम तो, मेरा दिल तोड़ जाते हो
मुझे इस, हाल में किसके सहारे छोड़ जाते हो
मेरे दिल से ना लो बदला ज़माने भर की बातों का
ठहर जाओ सुनो मेहमान हूँ मैं चंद रातों का
चले जाना अभी से किस लिये मुँह मोड़ जाते हो
गिला तुमसे नहीं कोई, मगर अफ़सोस थोड़ा है
के जिस ग़म ने मेरा दामन बड़ी मुश्किल से छोड़ा है
उसी ग़म से मेरा फिर आज रिश्ता जोड़ जाते हो
खुदा का वास्ता देकर मना लूँ दूर हूँ लेकिन
तुम्हारा रास्ता मैं रोक लूँ मजबूर हूँ लेकिन
के मैं चल भी नहीं सकता हूँ और तुम दौड़ जाते हो
एकर तक्ती उर्दू हिंदी नियमपर कएल गेल अछि। ई गीत निच्चा सुनि सकैत छी--
खिलौना, जानकर तुम तो, मेरा दिल तोड़ जाते हो
मुझे इस, हाल में किसके सहारे छोड़ जाते हो
मेरे दिल से ना लो बदला ज़माने भर की बातों का
ठहर जाओ सुनो मेहमान हूँ मैं चंद रातों का
चले जाना अभी से किस लिये मुँह मोड़ जाते हो
गिला तुमसे नहीं कोई, मगर अफ़सोस थोड़ा है
के जिस ग़म ने मेरा दामन बड़ी मुश्किल से छोड़ा है
उसी ग़म से मेरा फिर आज रिश्ता जोड़ जाते हो
खुदा का वास्ता देकर मना लूँ दूर हूँ लेकिन
तुम्हारा रास्ता मैं रोक लूँ मजबूर हूँ लेकिन
के मैं चल भी नहीं सकता हूँ और तुम दौड़ जाते हो
एकर तक्ती उर्दू हिंदी नियमपर कएल गेल अछि। ई गीत निच्चा सुनि सकैत छी--
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