रविवार, 4 अक्टूबर 2020

गजल

खेतक उपजा पैकार लेने जाइए
जे बाँचल से सरदार लेने जाइए

देहक कांति चलि गेलै पेटक आगिमे
कलमक धार पुरस्कार लेने जाइए

एनाइ गेनाइ खाली हाथ मुदा किछु
लोक चितापर आभार लेने जाइए

जतबे सुलभ भेलै समाधान अइठाम
घुरछी ततबे विस्तार लेने जाइए

बिन सोंगर दुब्बर बूझै छै अपनाकेँ
तँइ जहाँ तहाँ दरबार लेने जाइए

सभ पाँतिमे 22-22-22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। ई बहरे मीर अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों