अहिँक आश हमरा मदन हे मुरारी
हरू आब विपदा मदन हे मुरारी
सरस रास रचलहुँ नवल नेह गछलहुँ
घटल दिव्य घटना मदन हे मुरारी
हरषि हाल कहलक निजे निज कदम्बक
विमल धार जमुना मदन हे मुरारी
अपन आन कहलक कियो ने जगतमे
मुदा एक विधना मदन हे मुरारी
हुनक बोल सुनिते हमर पाप भागल
मधुर बोल बजना मदन हे मुरारी
सभ पाँतिमे 122-122-122-122 मात्राक्रम अछि आ ई बहरे मुतकारिब मुस्समन सालिम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
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