दर्दमे दर्दपर जी खिया जाइ छै
बेरपर केहनो सुख सुखा जाइ छै
देह छै देहपर की भरोसा कते
प्राण छै प्राण झटमे झिका जाइ छै
जोड़तै किछु हृदय से कहाँ छै नियम
जोड़लो छै हृदय से घटा जाइ छै
एक धधरा कहीं एक चिनगी कहीं
ई मिझा जाइ छै ओ धधा जाइ छै
झाँपि सकतै कते पोछि सकतै कते
आँखिमे नोर अबिते बुझा जाइ छै
सभ पाँतिमे 212-212-212-212 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मुतदारिक मुसम्मन सालिम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
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